कालरा की पार्षदी पर अब 24 मार्च को होगा फैसला
हाईकोर्ट ने सरकार को दिया अंतिम अवसर

इन्दौर हाईकोर्ट ने सरकार को दिया अंतिम अवसर.कालरा की पार्षदी पर अब 24 मार्च को होगा फैसला
विवादों व लोहार फर्जी जाति प्रमाण पत्र में घिरे पार्षद कमलेश कालरा की पार्षदी को लेकर हाईकोर्ट अब 24 मार्च को फैसला करेगी। जस्टिस प्रणय वर्मा की कोर्ट ने कालरा की पार्षदी को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है।
2022 में हुए नगरीय निकाय चुनावों में वार्ड 65 पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड था। यहां भाजपा से कमलेश कालरा और कांग्रेस से सुनील यादव मुख्य प्रतिद्वंदी थे। चुनाव में कालरा को विजयी घोषित किया गया था। इसके बाद यादव ने कलेक्टर व राज्य सरकार से अपील की थी कि कालरा सिंधी सामान्य वर्ग से आते है उन्हीने पिछड़ा वर्ग से नहीं होने के बाद भी आरक्षित वार्ड क्रमांक 65 से चुनाव लड़ा है। उनका लोहार जाति प्रमाण पत्र और पार्षदी निरस्त की जाए।
सरकार द्वारा फैसला नहीं लेने पर यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की छानबीन समिति को आदेश दिए थे कि वे छह माह में निराकरण करे। तय समय सीमा में समिति ने कोई आदेश नहीं दिया तो यादव की ओर से अभिभाषक मनीष यादव ने अवमानना याचिका दायर की थी।
सोमवार 17 मार्च 2025 को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि समिति के अध्यक्ष और प्रमुख सचिव के पद पर आइएएस अधिकारी ई रमेश की नियुक्ति के आदेश 13 मार्च को जारी हुए है। उन्होंने फिलहाल पद ग्रहण नहीं किया है। इसके चलते सरकार को समय दिया जाए।छानबीन समिति के सरकारी वकील ने हाई कोर्ट में आश्वासन दिया है कि अध्यक्ष अगले 2 दिन में पदभार ग्रहण करेंगे।वैसे ही फैसला ले लिया जाएगा।