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दुबई से 14 किलो सोना बांधकर लाई, अब जमानत कितनी मुश्किल? जानें DGP की लड़की रान्या राव का क्या होगा

Ranya Rao: कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव दुबई से 14.2 किलो सोना अवैध तौर पर भारत लाते हुए पकड़ाई गई थी. इस मामले में उनकी रिहाई अभी आसान नजर नहीं आ रही है.

Ranya Rao: कर्नाटक पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के DGP रामचंद्र राव की बेटी और कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव 3 मार्च को सोने की तस्करी करते हुए पकड़ी गई थी. यह सोना वह दुबई से लाई थी. बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें पकड़ा गया था. अब इस मामले में साफ हुआ है कि वह 14.2 किलोग्राम सोना अवैध तौर पर भारत ला रही थी, अगर वह सफल हो जाती तो इससे राज्य सरकार के खजाने को 4.8 करोड़ का नुकसान पहुंचता. ऐसा इसलिए क्योंकि जितना सोना वह ला रही थीं, उस पर इतनी ही कस्टम ड्यूटी लगती है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या अगर रान्या 4.8 करोड़ चुका दें, तो क्या उन्हें रिहाई मिल सकती है? तो इसका जवाब कुछ ऐसा है…

रान्या राव ने विदेश से इतनी बड़ी मात्रा में सोना लाकर सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 135 का उल्लंघन किया है. डायरेक्टर ऑफ रिवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के अधिकारियों के मुताबिक, एक्ट्रेस के पास से मिले सोने की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ से भी ज्यादा है. कस्टम ड्यूटी चोरी के प्रयास पर 30 लाख का हर्जाना है. ऐसे में मात्र सीमा शुल्क और जुर्माना भरने से उनकी रिहाई नहीं होने वाली है.

‘स्मगलिंग में कस्टम एक्ट सेटलमेंट की अनुमति नहीं देता’
‘TOI’ से बातचीत में सीनियर एडवोकेट एमएस श्यामसुंदर ने बताया कि स्मगलिंग जैसे मामलों में कस्टम एक्ट किसी भी तरह के सेटलमेंट की अनुमति नहीं देता है. वहीं, अगर ED और PMLA  जैसे इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसियां इस केस में शामिल होती हैं तो ये अलग-अलग मामलों में रान्या की हिरासत की मांग कर सकती हैं. ऐसे में रान्या को बेल मिलना मुश्किल हो जाएगा.

‘ED और IT विभाग जांच में लग गए तो…’
स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर किरण एस जवाली ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति से जुर्माना लेने के बाद उसके बाहर जाने की अनुमति देने का अधिकार जांच एजेंसियों के पास होता है, लेकिन ऐसा तब ही हो सकता है जब जब्त किया हुए सोना कम मात्रा में हो. इस केस में सोने की मात्रा बहुत ज्यादा है. ऐसे में महज जुर्माने पर जमानत मिलना मुश्किल है.

जवाली ने बताया कि अभी तो प्राथमिक जांच के बाद DRI रान्या को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा. इस दौरान ED और इनकम टैक्स विभाग के हस्तक्षेप की संभावना भी बहुत ज्यादा है. ED जहां मनी-लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच करेगा, वहीं आयकर विभाग अघोषित संपत्तियों की जांच करेगा. ऐसे में जुर्माने के साथ-सात सात साल की कैद तक हो सकती है.

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